आज कि सबसे बड़ा टॉपिक है आजादी | दोस्तों हम सभी को लगता है आज इस दुनिया में कोई आजाद नहीं है | हर व्यक्ति कोई न कोई अदृश्य रिश्ते , डर या कानून बंधा है और ये भी सही है हर एक को प्रकर्ति की सम्पनता के लिए बंधा रहना जरुरी है चाहे हो p.m , c.m , कलेक्टर , कोई जीव-जंतु , पेड़-पौधा , पक्षी, वायु, पानी , सूरज, चाँद, सब प्रकृति में शामिल हर एक चीजअपने अस्तित्व के लिए किसी न किसी की जकड में है |
प्रथम चीज - जुबान - यह भी जकड में , अपने से बड़ा मिल जाये - जुबान बंद और हल्का मिल जाये तो बेकाबू , पर है किसी की जकड में चाहे खुद वयक्ति की ही जकड में क्यों न हो |
गुस्सा - बड़ा मिल जाये तो भीगी बिली , और अपने से छोटा तो गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंचाते है पर ये भी किसी की जकड में है
आज़ादी न. 1
बीते दिनों में काफी धरना पर्दशन, आंदोलन ये , वो और नारा - " हमें आज़ादी चाहिए | अभिवयक्ति की आज़ादी |
पहली बात - ये बताइये की आपको जकड किसने रखा है
दूसरी बात - सिर्फ कुछ लोगो को ही आज़ादी क्यों चाहिए , अगर देश के सविधान की अनुसार आप गुलामी कर रहे हो तो , वो लोग बेवकूफ है जिन्हे अपनी गुलामी नहीं दिख रही
अरे ! भाई लोगो को देश के या प्रकृति के कानून है उनसे भी आज़ाद कर दिया जाये क्या , ताकि तुम अच्छी तरह से ढोल बजा सको
सिर्फ पब्लिक स्टंट से छवि नहीं उबरती अगर दुनिया के सामने अपनी छवि लाना चाहते हो तो कुछ बड़ा करके दिखाओ। जनता की भावनाओ के साथ खिलवाड़ अच्छी नहीं
फिर आती है आज़ादी न. 2
जो एक बीवी अपने पति ये ससुराल वालो से मांगती है और सिर्फ वंहा - घर का कार्य, बाहर जाने के लिए , अगेरा वगेरा ,
मेरी सोच के अनुसार शादी का दूसरा नाम होता है - "समझौता"
अगर कोई महिला अपने एक सपने या ख़ुशी से समझौता करती है तो उसका पति उससे 3 गुणा ज्यादा सपनो का दफ़न करता है। अपने रिश्तो बिच दरार डालने के लिए ऐसी आज़ादी के बारे में सोचा जाता है और सिर्फ ऐसा वो ही लोग सोचते है जिनके पास हद ज्यादा समय होता है उन लोगो को सिर्फ बहाना चाहिए अपने समय को बर्बाद करने का। इसमें काफी बहाने मिलते है उनको। जैसे शक, लड़ाई, बात बात पर टोकना, बचो पर गुसा आदि
फिर आती है आज़ादी न. 3 - " एक बेटे द्वारा अपने ही माता - पिता से आज़ादी "
ऐसे लोगो की जितनी निंदा की जाये कम ही है , अगर आज़ादी चाहिए ही थी तो उस समय ही ले लेनी अच्छी रहती जिस दिन अपने माता-पिता द्वारा इंसान बनाया जा रहा था
"एक माता-पिता की गुलामी दुनिया की सबसे खूबसूरत गुलामी है" जिसकी कोई परवाह नहीं करनी चाहिए
--अजय राठौड़--
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